गुरुवार, 27 अगस्त 2009

सबब ................(बवाल)

मैं सब्रो-रंगे-सुकून में हूँ , मुझे संभालो मेरे सहारों

सबब है इस इल्तिजा के पीछे, के चल बसा हूँ ओ मेरे यारों

---बवाल